virus
जिस तरह से human body में virus होता है जो हमे बीमार करता है और हमारे इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर करता है उसी तरीके से computer के लिए भी डिजाईन किये गये वो software जो computer के काम को प्रभावित करते है और उसे computer की गतिविधि को गलत तरीके से प्रभावित करने के लिए बनाया गया होता है जो computer के काम को बाधित करता है उसे हम virus कहते है यह भी बाकि softwares की तरह होता है ,यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है जो खुद को कॉपी करता है और उसी के जरिये एक से दूसरे computer में फ़ैल जाता है | mostly virus जो है वो अक्सर pen drive जेसे माध्यमो से फैलते है जो एक से दूसरे pc में अधिक इस्तेमाल किये जाते है |
malware – malware और virus दोनों अलग अलग चीज़ होते है malware एक term है जो virus के प्रकार को define करती है malware का मतलब है malicious software अर्थात वो कोई भी software या प्रोग्राम जो आपके computer या उसकी सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकता है वो malicious software की श्रेणी में आता है और इसमें कई तरह के प्रोग्राम आते है जैसे कि virus ,spyware जो आपके pc से जानकारी चुराते है ,ट्रोजन हॉर्स और अन्य कई तरह के malicious software जिनमे से कुछ के बारे में हम अभी जानेगे :
spyware – ये ऐसे software होते है जो computer के अंदर install होने के बाद computer में व्यक्तिगत और अन्य कई तरह की जानकारियां इक्कठा करते है और उसके बाद software बनाने वाले को भेज देते है
scareware – इस तरह के केस में user computer इस्तेमाल कर रहा होता है और उसके पास किसी लिंक या अन्य किसी तरह से message आता है कि यह एक free antivirus है या अन्य कुछ उपयोगी tools है और user उस लिंक पर डाउनलोड करता है उसके बाद computer में install होने के बाद वो software कई तरीके से computer को नुकसान करता है :
कैसे रोके – तमाम तरह के virus को को रोकने के लिए आपके computer में antivirus होना आवश्यक है हालाँकि कोई भी तरह का antivirus हर तरह के virus से आपके pc की सुरक्षा नहीं करता है लेकिन अगर आप अधिक इन्टरनेट इस्तेमाल करते है तो किसी भी antivirus का paid version इस्तेमाल करें ऐसे में कोई भी नया virus आता है तो आपको उसके लिए update मिल जाती है जिसके जरिये आप बड़ी आसानी से अपने computer की सुरक्षा कर सकते है लेकिन अगर आप इन्टरनेट का अधिक इस्तेमाल नहीं करते है तो कोई भी free version डाउनलोड कर सकते है
वायरस के प्रकार
फाइल फैक्टर वायरस : ये वायरस कंप्यूटर में फाइल के एड्रेस को बदल देते हैं.
ट्रोजन हॉर्स : एक ट्रोजन बड़ी गुपचुप तरीके से आप के कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित कर देगा जो एक जान बूझ कर आपको परेशान करने के लिए बनाया गया प्रोग्राम है. ट्रोजन अन्य क्रम में सबसे ऊपर की श्रेणी में आता है. यूजर की जानकारी के बिना एक सिस्टम में सेव हो जाता है. ट्रोजन को आपके सिस्टम में हैकिंग या कहें आपके सिस्टम की जानकारी चुराने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह साइबर वॉर का एक प्रमुख हथियार है जिसका दुनिया भर के हैकर इस्तेमाल करते हैं. ट्रोजन भी कई प्रकार के होते हैं, इनमें से कुछ निम्न हैं-
फाइल फैक्टर वायरस : ये वायरस कंप्यूटर में फाइल के एड्रेस को बदल देते हैं.
ट्रोजन हॉर्स : एक ट्रोजन बड़ी गुपचुप तरीके से आप के कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित कर देगा जो एक जान बूझ कर आपको परेशान करने के लिए बनाया गया प्रोग्राम है. ट्रोजन अन्य क्रम में सबसे ऊपर की श्रेणी में आता है. यूजर की जानकारी के बिना एक सिस्टम में सेव हो जाता है. ट्रोजन को आपके सिस्टम में हैकिंग या कहें आपके सिस्टम की जानकारी चुराने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह साइबर वॉर का एक प्रमुख हथियार है जिसका दुनिया भर के हैकर इस्तेमाल करते हैं. ट्रोजन भी कई प्रकार के होते हैं, इनमें से कुछ निम्न हैं-
1. रिमोट एडमिनिस्ट्रेशन ट्रोजन
2. डाटा स्टीलिंग ट्रोजन
3. सेक्योरिटी डिसेबल ट्रोजन
4. कंट्रोल चेंजर ट्रोजन
2. डाटा स्टीलिंग ट्रोजन
3. सेक्योरिटी डिसेबल ट्रोजन
4. कंट्रोल चेंजर ट्रोजन
कुछ प्रसिद्ध ट्रोजन :
Beast ( बीस्ट)
Back orifice (बैक ओरीफाइस)
Pro Rat ( प्रो-रैट )
Girl Friend (गर्ल फ्रेंड)
Back orifice (बैक ओरीफाइस)
Pro Rat ( प्रो-रैट )
Girl Friend (गर्ल फ्रेंड)
बूट सेक्टर वायरस : ये एक ऐसा वायरस है जो कि बूटिंग के समय में कंप्यूटर के द्वारा पढ़ा जाता है कि सिस्टम बूट फ़ाइलों को ही देख़ता है. ये आम तौर पर फ्लॉपी डिस्क के जरिये ही फैलता हैं. ये ऐसा वायरस है जो कि सिस्टम BIOS पर असर डालता है , जिसकी वजह से कंप्यूटर के हार्डवेयर काम करना छोड़ने लगते है.
Macro Virus ( मैक्रो वायरस ): मैक्रो वायरस सेल्फ एक्जीक्यूट करने के लिए तैयार किए जाते हैं. ये एकमैक्रो प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग करने वाले वायरस होते हैं. वे ऐसे एमएस वर्ड या एमएस एक्सेल के रूप में दस्तावेजों को संक्रमित कर देते हैं और आम तौर पर इसी तरह के अन्य दस्तावेजों में मूल टेक्स को अपनी लैंग्वेज में परिवर्तित कर देते हैं.
Worms ( वॉम्स) : इस तरह की प्रोग्रामिंग वॉम क्रिएट कर देती है और खुद की प्रतियों के डिस्ट्रीब्यूशन(वितरण) कर देता है. उदाहरण के लिए एक सीडी से दूसरी सीडी, एक ई-मेल से दूसरे ई-मेल का उपयोग कर अपने आपको फैलाता है. यह एक संक्रमित ई – मेल पर क्लिक करने पर कंप्यूटर में आ जाता है.
Memory Resident Virus (मेमोरी रेजिडेंट वायरस) : मेमोरी रेजिडेंट वायरस कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी जिसे रीड ऑनली मेमोरी (रैम) कहते हैं में रहते हैं. जब एक प्रोग्राम कंप्यूटर पर चलता है तो ये भी उसी के साथ चलते हैं और शुरुआत में ही प्रोग्राम को बंद कर देता है.
Memory Resident Virus (मेमोरी रेजिडेंट वायरस) : मेमोरी रेजिडेंट वायरस कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी जिसे रीड ऑनली मेमोरी (रैम) कहते हैं में रहते हैं. जब एक प्रोग्राम कंप्यूटर पर चलता है तो ये भी उसी के साथ चलते हैं और शुरुआत में ही प्रोग्राम को बंद कर देता है.
Rootkit Virus ( रूटकिट वायरस ): रूटकिट वायरस किसी कंप्यूटर प्रणाली का नियंत्रण हासिल करने के लिए बनाया जाता है. जो कि एक undetectable (जिसे खोजा न जा सके) वायरस है. रूटकिट वायरस लायनेक्स आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम से आता है. ये वायरस आमतौर पर ट्रोजन द्वारा भी स्थापित होता हैं.
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