कंप्यूटर, टेबलेट या स्मार्टफोन पर कोई फाइल या डाक्यूमेंट सेव करने के लिए स्थान होता है, जिसे हम मेमोरी कहते हैं. लेकिन इमेल, सोशल नेटवर्किग साइट्स आदि जहां हम फोटो या फाइल जैसी तमाम चीजों को अपलोड करते हैं, लेकिन ये हमारे कंप्यूटर या टेबलेट की मेमोरी में स्थान नहीं लेते हैं. आखिर जाते कहां हैं? इसका जवाब है क्लाउड पर.
आप शायद सोच भी रहे होंगे कि क्या क्लाउड कंप्यूटिंग बादलों से जुड़ा हुआ है, तो आपकी सोच बिलकुल सही दिशा में है. हां, इसमें फर्क बस इतना है कि बादलों में पानी होता है, जबकि जिस ‘क्लाउड’ की हम बात कर रहे हैं, उसमें डिजिटल डाटा होता है और इसमें विभिन्न प्रकार की जानकारियां व उनसे संबंधित अन्य चीजें होती हैं.
साथ ही, ये बादल आकाश में नहीं होते, बल्कि बड़े आकार के कंप्यूटरों पर होते हैं. क्लाउड कंप्यूटिंग कोई बेहद नयी चीज नहीं है. यदि आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, तो आप इससे काफी पहले से जुड़े हुए हैं.
इमेल की सेवा आपको यहीं से मिलती है. अधिकांश लोग इमेल को अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड नहीं करते हैं. इंटरनेट पर देख कर उसे वहीं छोड़ देते हैं. कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव को लोग इमेल से नहीं भरना चाहता हैं. ये सारी चीजें क्लाउड पर रहती हैं. फेसबुक से लेकर पिक्चर, यू-ट्यूब पर कोई विडियो, ब्लॉग पर कोई लेख, इन सभी चीजों में क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल है.
आज दुनियाभर में अनेक कंपनियां क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए कर रही हैं. अमेजन ने अपने ग्राहकों को मनपसंद गानों को उसकी क्लाउड सर्विस पर रखने का मौका दिया है. माइक्रोसॉफ्ट ने भी क्लाउड पर कई उत्पाद डाले हैं. इस पूरे मामले में उपभोक्ता के दृष्टिकोण से सबसे अच्छी और दिलचस्प बात यह है कि कि कई क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस मुफ्त में हासिल हो सकती हैं.
इस मायने से देखें तो क्लाउड कंप्यूटिंग के बिना सभी तरह के कम्युनिकेटिंग डिवाइसेज सिर्फ खिलौने भर हैं. इंटरनेट सुविधा और इसमें मौजूद अलग-अलग फीचर्स क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिये ही कार्य करते हैं. वेब सर्च इंजन हो या कोई भी अन्य साइट सभी क्लाउड कंप्यूटिंग के माध्यम से ही यूजर तक पहुंचती हैं. गूगल सर्च हो या याहू मेल या फिर फोटो शेयर करनेवाली साइट, क्लाउड कंप्यूटिंग के बिना इनके अस्तित्व का कोई अर्थ नहीं.
क्लाउड कंप्यूटिंग के दोष
इस तकनीक में अच्छाइयों के साथ कुछ दोष भी हैं :
- निर्भरता : क्लाउड कंप्यूटिंग ने आपके कारोबार को इंटरनेट कनेक्शन पर निर्भर बना दिया है. इंटरनेट जब ऑफलाइन हो जाता है, तो आप भी ऑफलाइन हो जाते हैं. यदि इसकी रफ्तार कम हो जाती है, तो आपका काम धीमा हो जाता है.
- सुरक्षा से जुड़े मामले : क्लाउड कंप्यूटिंग का अर्थ इंटरनेट कंप्यूटिंग से है. इसलिए आप जो भी आंकड़े उस पर रखते हैं, वह कितना सुरक्षित है, यह सवालों के घेरे में है. हैंकिंग कर उन सूचनाओं की चोरी भी की जा सकती है.
- संचालन लागत: प्रथम द्रष्टया भले ही यह किसी अन्य सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करने के मुकाबले सस्ता हो, लेकिन कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर भी अब आ चुके हैं, जिनमें बहुत सी खुबियां हैं.
कैसे होता है इस तकनीक का इस्तेमाल
क्लाउड कंप्यूटिंग की सुविधाएं इस्तेमाल में लाने के लिए हम वेब ब्राउजर का प्रयोग करते हैं. क्या आपने इस बारे में सोचा है कि एक ही समय में इंटरनेट पर कई काम कैसे निबटाये जाते हैं. एक साथ कई चीजें सर्च की जा सकती हैं. कुछ मिनटों के अंतराल पर दुनियाभर की खबरें अपडेट होती रहती हैं? इन सबका जवाब है क्लाउड कंप्यूटिंग. जब भी आप इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं, तो वह सीधे क्लाउड तक पहुंचती है. इस क्लाउड के अंदर ढेरों सर्वर मौजूद रहते हैं. ये सभी सर्वर आपस में जुड़े रहते हैं और चंद सेकेंड में सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. आपके द्वारा मांगी गयी सूचना इन तक पहुंचते ही इनका काम शुरू हो जाता है. सबसे पहले सर्वर वेबसाइट का मैच तैयार करते हैं और उन्हें एक पेज के रूप में फॉर्मेट करता है और इस पेज को आपके पास भेज देता है. खोजने की प्रक्रिया में हमारे सामने जो भी चीजें आती हैं, वह ज्यादातर पेज के फॉर्मेट में ही होती हैं. सभी जटिल तकनीक, सॉफ्टवेयर और सुविधाएं क्लाउड के रूप में ही कार्य करती हैं. सर्चिग के अलावा इसकी अन्य कई खासियत है. जैसे- वेबमेल, सभी सर्च इंजन में यह सुविधा रहती है. आपके पीसी में महज वेब ब्राउजर की जरूरत होती है. इसी वेब ब्राउजर की मदद से सभी मेल क्लाउड में स्टोर रहती हैं. दुनिया के किसी भी पीसी से कोई भी व्यक्ति अपनी इमेल खोल सकता है यानी उस तक पहुंच सकता है. वेबमेल के अलावा इस समय इंटरनेट पर तमाम सोशल नेटवर्किग साइट भी उपलब्ध हैं. सभी सोशल नेटवर्किग साइट भी क्लाउड से जुड़ी सेवाएं होती हैं.
क्लाउड कंप्यूटिंग का एक अन्य प्रयोग ऑफिस में नेटवर्किग और विभिन्न कार्यो को मैनेज करने के लिए भी किया जाता है. वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेड शीट आदि को एक पीसी से दुनिया के किसी भी दूसरे पीसी में भेजने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग ही काम आती है. थ्री-जी तकनीक आने से क्लाउड कंप्यूटिंग पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर हो चुकी है. आने वाले समय में इसकी क्षमता और ज्यादा विकसित होगी. कंप्यूटर की दुनिया में यदि कहा जाये कि सबसे महत्वपूर्ण भूमिका किसकी होती है, तो निश्चित रूप से क्लाउड कंप्यूटिंग का नाम सबसे पहले होगा. दरअसल, क्लाउड कंप्यूटिंग के बिना कंप्यूटर सिर्फ एक मशीन है, जिसे हम चाहे कितने भी कमांड देते रहें, लेकिन वह कोई काम नहीं करेगा.
क्लाउड की मौलिक अवधारणाएं
इस्तेमालकर्ता तक क्लाउड कंप्यूटिंग को आसानी से पहुंचने योग्य बनाने के लिए इस तकनीक के पीछे कुछ खास मॉडल्स काम करते हैं, जिन्हें डेप्लॉयमेंट मॉडल्स के नाम से जाना जाता है. क्लाउड के चार प्रमुख प्रकार होते हैं : पब्लिक, प्राइवेट, कम्यूनिटी और हाइब्रिड.
पब्लिक क्लाउड : पब्लिक क्लाउड सामान्य लोगों को सिस्टम्स और सेवाओं तक आसानी से पहुंचने की अनुमति देता है. यह ज्यादा पारदरशी होता है यानी इसमें बहुत सी चीजें खुले रूप में होती है, इसलिए पब्लिक क्लाउड थोड़ा कम सुरक्षित माना जाता है, जैसे- इमेल आदि.
प्राइवेट क्लाउड : प्राइवेट क्लाउड लोगों को एक संगठन के दायरे के भीतर सिस्टम्स और सेवाओं तक पहुंच मुहैया कराता है. चूंकि इसकी प्रकृति निजी किस्म की होती है, इसलिए यह कुछ हद तक ज्यादा सुरक्षित माना जाता है.
कम्यूनिटी क्लाउड : यह अपने इस्तेमालकर्ताओं को संगठनों के समूह के दायरे में सेवाएं मुहैया कराता है.
हाइब्रिड क्लाउड : हाइब्रिड क्लाउड निजी और सार्वजनिक क्लाउड का मिश्रण है. हालांकि, इसमें ज्यादा गंभीर किस्म की गतिविधियों को प्राइवेट क्लाउड के माध्यम से जबकि सामान्य किस्म की गतिविधियों को सार्वजनिक क्लाउड के माध्यम से अंजाम दिया जाता है.
क्लाउड कंप्यूटिंग की तकनीक
कुछ ऐसी निर्धारित तकनीकें हैं, जो क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए कार्य करती हैं और इसे लचीला, विश्वसनीय व इस्तेमाल करने योग्य बनाने का मंच तैयार करती हैं. ये तकनीकें इस प्रकार हैं :
वचरुअलाइजेशन : वचरुअलाइजेशन एक ऐसी तकनीक है, जो किसी एप्लीकेशन या संसाधन के एक भौतिक घटना को अनेक संगठनों या तय उपभोक्ताओं को आपस में शेयर करने की मंजूरी देती है. किसी भौतिक संसाधन को कोई खास तार्किक नाम देते हुए ऐसा किया जाता है और जब कोई मांग करता है तो वह भौतिक संसाधन उसे मुहैया कराया जाता है.
सर्विस-ओरिएंटेड आर्किटेक्चर : सर्विस-ओरिएंटेड आर्किटेक्चर अन्य एप्लीकेशंस को इस्तेमाल में लाने के संदर्भ में खास एप्लीकेशंस को सेवा में लाने के लिए मददगार होता है. यह तंत्र बिना किसी अतिरिक्त प्रोग्रामिंग या सेवाओं में बदलाव लाये विभिन्न वेंडर्स के बीच आंकड़ों के आदान-प्रदान को संभव बनाता है.
ग्रिड कंप्यूटिंग : ग्रिड कंप्यूटिंग का अर्थ कंप्यूटिंग का वितरण करना है, जिसमें विभिन्न स्थानों पर मौजूद कंप्यूटर्स के समूह किसी कॉमन मकसद को हासिल करने के लिए एक-दूसरे से जुड़े होते हैं. ये कंप्यूटर एक-दूसरे से काफी दूर स्थित होते हैं. ग्रिड कंप्यूटिंग किसी जटिल टास्क को छोटी इकाइयों में बांट देता है. ये छोटी इकाइयां ग्रिड के दायरे में सीपीयू को वितरित की जाती हैं.
यूटिलिटी कंप्यूटिंग : यूटिलिटी कंप्यूटिंग ‘पे पर यूज’ मॉडल पर आधारित है. खपत के मुताबिक सेवा के रूप में यह मांग पर कंप्यूटेशनल संसाधन मुहैया कराता है. क्लाउड कंप्यूटिंग, ग्रिड कंप्यूटिंग ओर प्रबंधित आइटी सेवाएं यूटिलिटी कंप्यूटिंग के अवधारणा पर ही आधारित हैं.
क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े कुछ तथ्य
क्लाउड के दायरे में आने वाली प्रमुख तकनीक को इन्सटॉल करने और इसके रखरखाव के लिए सेवा प्रदाता जिम्मेवार होता है. कुछ उपभोक्ता इस मॉडल को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि इसे खुद प्रबंध करने के भार से कुछ हद तक मुक्ति मिल जाती है. हालांकि, इस मॉडल के तहत उपभोक्ता सीधे व्यवस्था को नियंत्रित नहीं कर सकता और इसके लिए वह पूरी तरह से सेवा प्रदाता पर निर्भर रहता है.
क्लाउड कंप्यूटिंग सिस्टम्स को आम तौर पर इस तरह से डिजाइन किया जाता है ताकि वह सिस्टम रिसोर्सेज की सभी चीजों को खोज सके, जिसके एवज में सेवा प्रदाता उपभोक्ताओं से उसे सेवा के मुताबिक शुल्क वसूलती है. कुछ उपभोक्ता कम शुल्क भुगतान के लिए तथाकथित मीटर के मुताबिक होने वाली बिलिंग को प्राथमिकता देंगे, जबकि कुछ अन्य ग्राहक सालाना या मासिक रूप से एकमुश्त तय रकम का विकल्प चुनेंगे. क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल आम तौर पर आप इंटरनेट के माध्यम से आंकड़ों को किसी को भेजने या उसे स्टोर करने के लिए करते हैं. इस मॉडल के साथ निजता और सुरक्षा का जोखिम भी जुड़ा हुआ है.
लाभ
1. किफायती: ग्राहकों को अपने infrastructure यानि बुनियादी ढांचे या उपकरण में किसी भी निवेश करने की जरूरत नहीं होती है, इसलिए Cloud लंबे समय में बहुत ही किफायती साबित होता है।
इसके अलावा, Cloud का भुगतान आपको सेवा प्रदाता को आपके संसाधनों की मांग के आधार पर ‘pay as you go’ पद्धति के माध्यम से करना होता है | इस तरह ग्राहक कोई अनावश्यक या अतिरिक्त भुगतान करने से बच जाता है और केवल उतना ही पैसा देता है, जितने संसाधनो का इस्तेमाल उसके बिज़नेस द्वारा किया जाता है – कम संसाधन तो कम पैसा और ज्यादा संसाधन तो ज्यादा पैसा।
2. सुरक्षित : अगर आपका laptop या बिज़नेस phone खो जाये तो आपका critical बिज़नेस data भी उसके साथ चला जाता है और ये आपके लिए किसी भयंकर त्रासदी से कम नहीं होता | लेकिन अगर आपका data Cloud में स्टोर्ड है जैसे OneDrive में, तो आपको डरने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है, क्योंकि आप उस तक पहुंच सकते है किसी भी device या मशीन का इस्तेमाल कर के| और आप अपने खोये हुए device में से सारा critical data remotely wipe भी कर सकते हैं |
3. कुशलता वृद्धि: Cloud में संसाधनों की इष्टतम क्षमता का उपयोग किया जाता है, इसलिए Cloud समाधान बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं।
Cloud न सिर्फ आपके बिज़नेस की कुशलता बढ़ाता है वरन आपके कर्मचारियों की भी कार्य क्षमता में वृद्धि करता है क्योंकि Cloud applications का इस्तेमाल कर्मचारी न सिर्फ दफ्तर बल्कि कहीं भी बाहर कर सकते हैं – अपनी mails, documents सब कुछ, इसलिए क्लाउड की मदद से सही मायने में ‘office on the go’ साकार होता है|
4. लोचदार और scalable: चाहे bandwidth हो, storage हो या कोई और संसाधन, सब कुछ ही Cloud में आपके बिज़नेस की मांग के अनुसार बढ़ाया और घटाया जा सकता है | ये hosting के उन पुराने तरीकों से बहुत बेहतर है जिनमें आपको निर्धारित संसाधन दे दिए जाते है और चाहे आप उनका इस्तेमाल करे या न करे, आपको पूरा भुगतान करना ही होता है |
5. Downtime से बचाव: Cloud एक परस्पर जुड़े हुए servers का जाल होता है | इसलिए अगर कभी भी कोई node fail होती है तो उसका सारा लोड दूसरी Cloud node उठा लेती है, इसलिए आपकी साइट यदि वो क्लाउड सर्वर पर है, या क्लाउड सर्विसेज, कभी भी down नहीं होती|
6. आपदा प्रबंधन (Disaster recovery): बड़े बिज़नेस आपदा प्रबंधन के लिए अतिरिक्त आईटी संसाधनो का खर्च वहन कर सकते हैं पर ये SMBs के लिए एक अतिरिक्त खर्च ही होता है क्योंकि आपदा प्रबंधन के लिए इस्तेमाल में लाये गए IT संसाधन खाली पड़े रहते हैं कि आपदा के समय उनका इस्तेमाल किया जायेगा | Cloud SMBs को एक कम खर्चे वाला व सुरक्षित disaster recovery mechanism उपलब्ध कराता है |
7. पर्यावरण से अनुकूलता: Cloud ऊर्जा save करता है और संसाधनो के दक्ष प्रयोग से कम कार्बन प्रतिशत उत्सर्जन करके आपके बिज़नेस को कुशल तकनीकी समाधान प्रदान करता है।
8. नए प्रयोगों को प्रोत्साहन: अगर आप एक developer, tester या IT इंजीनियर हैं, तो क्लाउड के द्वारा आप अपने प्रयोगों की आसानी से टेस्टिंग कर सकते हैं – बिना live environment को नुक्सान पहुंचाए और ये cloud test infrastructure जिसको टेस्टिंग के अनुसार बार बार बदला जा सकता है, real environment में बदलाव के मुकाबले बहुत किफायती सिद्ध होता है |
क्लावउड सीर्वसेस को आम तौर पर तीन प्रकार में विभाजित किया गया हैं:
1) Infrastructure-as-a-service (IaaS):
यह सर्वीस ऑन डिमांड आईटी इंफ्रास्ट्र क्चrर का एक्सेिस देती हैं| इसमे स्टोरेज, नेटवर्क और कंप्यू टर शामिल है जो आपके वर्कलोड को रन करते है| एक बिज़नेसमन यूजर के रूप मे आप आईटी सर्वीसेस के लिए अनुरोध कर सकते हैं, और केवल वहीं सर्वीस का भुगतान करें जिन्हेव आप यूज कर रहे हैं|
2) Platform-as-a-service (PaaS):
Platform-as-a-service (PaaS) यह एक क्लालउड बेस एनवायरमेंट है, जिसे आप आपके एप्लीmकेशन को डेवलप, टेस्ट), रन और मैनेज करने के लिए इस्तेसमाल करते हैं| इस सर्वीस में वेब सर्वर, देव टूल, एक्सिक्यूशन रनटाइम और ऑनलाइन डेटाबेस शामिल हैं| इसका दृष्टिकोण बुनियादी इंफ्रास्ट्रकक्च र को खरीदने, निर्माण करने या उसे मैनेज करने में होनी वाली जटीलता के बिना, आपकी जरूरत के अनुसार डेवलपमेंट एनवायरमेंट देना हैं| फलस्वरूप, आप फास्टर काम कर सकते हैं और आपके एप्लीeकेशन को जल्दीं रिलीज कर सकते हैं|
उदाहरण के लिए, आपने अपनी खुद की ई-कॉमर्स वेबसाइट डेवलप की हैं, लेकिन शॉपींग कार्ट, चेकआउट और पेमेंट मेकेनिज़म यह सभी मर्चन्ट के सर्वर पर रन हो रहे हैं|
3) Software-as-a-service (SaaS):
SaaS छोटे व्यवसायों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला सबसे आम रूप है, और इसमे रिमोट सर्वर पर होस्ट सॉफ्टवेयर का उपयोग शामिल है। यह आपके वेब ब्राउज़र के माध्यम से एप्लीहकेशन रन करता हैं और आपके बिज़नेस के बाहर स्टोबर फाइलों को सेव, रिट्रीव या शेयर करता हैं|
वेब आधारित ईमेल, ऑफिस सॉफ्टवेयर, ऑनलाइन गेम्स, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट सिस्टहम और कम्युनिकेशन टूल यह सभी SaaS के उदाहरण हैं|
Charges:
आपकी आवश्यकताओं के अनूसार, क्लानउड सर्वीस की कीमत अलग अलग हैं| पर्सनल यूज के लिए 5-10GB स्पेकस फ्री में मिलती हैं| अगर आपको अतिरिक्तल स्टो रेज की जरूरत हैं, तो आपको इसके लिए पे करना होगा|
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