Monday, March 27, 2017

ऑपरेटिंग सिस्टम

‘सॉफ्टवेयर’ उन प्रोग्रामों को कहा जाता है, जिनको हम हार्डवेयर पर चलाते हैं। किसी भी कम्प्यूटर को चलाने के लिये जो सबसे आवश्यक सॉफ्टवेयर है वह है ऑपरेटिंग सिस्टम. ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना आप कम्प्यूटर में काम नहीं कर सकते.

ऑपरेटिंग सिस्टम: ऑपरेटिंग सिस्टम व्यवस्थित रूप से जमे हुए साफ्टवेयर का समूह है जो कि आंकडो एवं निर्देश के संचरण को नियंत्रित करता है। आपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के बीच सेतु का कार्य करता है। कम्प्यूटर का अपने आप में कोई अस्तित्व नही है। यह केवल हार्डवेयर जैसे की-बोर्ड, मॉनिटर, सी.पी.यू इत्यादि का समूह है। आपरेटिंग सिस्टम समस्त हार्डवेयर के बीच सम्बंध स्थापित करता है। आपरेटिंग सिस्टम के कारण ही प्रयोगकर्ता को कम्प्यूटर के विभिन्न भागों की जानकारी रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। साथ ही प्रयोगकर्ता अपने सभी कार्य तनाव रहित होकर कर सकता है। यह सिस्टम के संसाधनों को बांटता एवं व्यवस्थित करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के कई अन्य उपयोगी विभाग होते है जिनके कई काम केन्द्रिय प्रोसेसर द्वारा किए जाते है। उदाहरण के लिए आप प्रिटिंग का कोई काम करें तो केन्द्रिय प्रोसेसर आवश्यक आदेश देकर वह कार्य आपरेटिंग सिस्टम पर छोड देता है और वह स्वयं अगला कार्य करने लगता है। इसके अतिरिक्त फाइल को पुनः नाम देना, डायरेक्टरी की विषय सूची बदलना, डायरेक्टरी बदलना आदि कार्य आपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किए जाते है।

आज जो सबसे प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम हैं वह माइक्रोसॉफ्ट कंपनी द्वारा बनाये गये हैं। इनमें डॉस (DOS), विंडोज-98, विंडोज-एक्स पी, विंडोज-विस्टा प्रमुख हैं। लेकिन इन सभी को कम्प्यूटर के साथ आपको खरीदना पड़ता है। यदि आप मुफ्त का ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग करना चाहते हैं तो उसके लिये लिनक्स के कई ऑपरेटिंग सिस्टम हैं जो पूरी तरह मुफ्त हैं। इनमे से कई विंडोज से कई मायने में बेहतर भी हैं लेकिन इनको सीखने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। चुंकि अभी विंडोज ही बहु-प्रचलित ऑपरेटिंग सिस्टम है इसलिये हम उसी से संबंधित उदाहरणों का प्रयोग इस लेख में करेंगे.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर: एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर आपके रोज मर्रा की जरूरत को पूरा करते हैं। जैसे यदि आप यदि कुछ लिखना चाहें तो उसके लिये विंडोज में नोटपैड व वर्डपैड है। इसके अलावा आप ओपन ऑफिस का प्रयोग कर सकते हैं जो मुफ्त है या माइक्रोसोफ़्ट ऑफिस खरीद सकते हैं जिसमें से आप माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का उपयोग लिखने के लिये कर सकते हैं। इसके अलावा आप डाटा के गणितीय, सांख्यिकीय उपयोग के लिये माइक्रोसॉफ्ट एक्सल और प्रजेंटेशन बनाने के लिये पावर पॉइंन्ट का उपयोग कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की ड्राइग के लिये विंडोज में पेन्ट नाम का सॉफ्टवेयर होता है यदि आपको एडवांस ड्राइंग करनी है तो आप गिम्प (GIMP) का प्रयोग कर सकते हैं जो कि मुफ्त है या फिर अडोब कंपनी का फोटोशॉप सॉफ्टवेयर खरीद सकते हैं।


सॉफ्टवेयर Computer का वह Part होता है जिसको हम केवल देख सकते हैं और उस पर कार्य कर सकते हैं, Software का निर्माण Computer पर कार्य करने को Simple बनाने के लिये किया जाता है, आजकल काम के हिसाब से Software का निर्माण किया जाता है, जैसा काम वैसा Software । Software को बडी बडी कंपनियों में यूजर की जरूरत को ध्‍यान में रखकर Software programmers द्वारा तैयार कराती हैं, इसमें से कुछ free में उपलब्‍ध होते है तथा कुछ के लिये चार्ज देना पडता है। जैसे आपको फोटो से सम्‍बन्धित कार्य करना हो तो उसके लिये फोटोशॉप या कोई वीडियो देखना हो तो उसके लिये मीडिया प्‍लेयर का यूज करते है।

कंप्यूटर बिभिन्न प्रोग्रामों का समूह होता हैं जिसके द्वारा विशिष्ट कार्यों को किया जा सकता हैं| कंप्यूटर में दो भाग होते है, पहला हार्डवेयर कहलाता है जबकि दूसरा सॉफ्टवेयर | हार्डवेयर कंप्यूटर के भौतिक भाग होते है जिन्हें हम छु सकते है जो एक निश्चित कार्य करते है, जिसके लिए उन्हें बनाया गया है जैसे- Keyboard, Mouse, Monitor, CPU, Printer, Projector etc. इसके विपरीत सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का समूह है जो इन हार्डवेयर के कार्यों को निर्धारित करता है जैसे- word Processing, Operating System, Presentation etc. आते है, जो हार्डवेयर के साथ Interface करते हैं| यदि हार्डवेयर की तुलना कंप्यूटर के शरीर से जाती है तो सॉफ्टवेयर की तुलना कंप्यूटर के दिमाग से की जाती है| जिस प्रकार दिमाग के बगैर मानवीय शरीर बेकार हैं ठीक उसी प्रकार सॉफ्टवेयर के बगैर कंप्यूटर का कोई अस्तित्व नहीं है| उदाहरणार्थ हम keyboard, Mouse, Printer, Internet आदि का प्रयोग करते है इन सबको को चलाने के लिए भी Software की आवश्यकता होती है|

“Software is a Group of Programmes”

Computer On होने के बाद Software सबसे पहले RAM में Load होता है तथा Central Processing Unit में Execute (क्रियान्वित) किया जाता है| यह Machine Language में बना होता है, जो एक अलग Processor के लिए विशेष होता है| यह High Level Language तथा Assembly Language में भी लिखा जाता है|

सॉफ्टवेयर की आवश्यकता (Needs of Software) –

जैसा की हम जानते है Computer, Hardware और Software का समूह है यदि इसमें से Software को निकाल दिया जाये तो Computer एक डिब्बे के समान रह जायेगा यह डिब्बा उस समय तक कार्य नहीं कर सकता जब तक कि इसमें Operating System Software load न किया जाये| इसका अर्थ यह है कि Computer में कुछ भी कार्य करने के लिए Operating System Software का होना आवश्यक है| हमें आपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर के आलावा कुछ और सॉफ्टवेयर्स की भी आवश्यकता पड़ती हैं| उदाहरण के लिए, यदि आप एक पत्र को टाइप करना अथवा ग्राफिक चार्ट निर्मित करना या एक प्रस्तुतीकरण का निर्माण करना या अपने कार्यालय सम्बन्धी व्यक्तिगत डाटा का प्रबंधन करना चाहते है तो आपको फिर से अलग-अलग उद्देश्यों के लिए कई अलग-अलग सॉफ्टवेयरों की आवश्यकता पड़ेगी जिन्हें अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (Application Software) कहा जाता है |

इसके अतिरिक्त यदि आपका कम्प्यूटर वायरस से संक्रमित हो जाये तो आपको यूटिलिटि नामक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ेगी | संक्षेप में यदि आपके पास कम्प्यूटर सिस्टम है तथा आप निर्विघ्न कार्य करना चाहते है, तो आपको समय-समय पर सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ेगी |

सॉफ्टवेयर कि आवश्यकता के निम्न कारण हो सकते हैं-

Computer चालू करने के लिए
पत्र टाइप करने के लिए
चार्ट का निर्माण करने के लिए
Presentation बनाने के लिए
Data को manage करने के लिए
Internet का प्रयोग करने के लिए
सॉफ्टवेयर के प्रकार (Types of Software) – कम्प्यूटर Software को तीन भागो में विभाजित करता है | सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software), अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर (Application Software) और Utility Software.

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) –

सिस्टम सॉफ्टवेयर System Software एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो हार्डवेयर (Hardware) को प्रबंध (Manage) एवं नियंत्रण (Control) करता है ताकि एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) अपना कार्य पूरा कर सके | यह कम्यूटर सिस्टम का आवश्यक भाग होता है आपरेटिंग सिस्टम इसका स्पष्ट उदाहरण है |

“System Software वे है जो System को नियंत्रित और व्यवस्थित रखने का कार्य  करते है”

यदि सिस्टम सॉफ्टवेयर को Non volatile storage जैसे इंटिग्रेटेड सर्किट (IC) में Store किया जाता है, तो इसे सामान्यत: फर्मवेयर का नाम दिया जाता है संक्षेप में सिस्टम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों का एक समूह है| System Software कई प्रकार के होते है जैसे-

Operating System Software
Compiler
Interpreter
Assembler
Linker
Loader
Debugger etc.
 Operating System Software:- Operating System एक System Software है, जिसे Computer को चालू करने के बाद Load किया जाता है| अर्थात यह Computer को Boot करने के लिए आवश्यक प्रोग्राम है | यह Computer को boot करने के अलावा दूसरे Application software और utility software के लिए आवश्यक होता है|

Function of Operating system

Process Management
Memory Management
Disk and File System
Networking
Security Management
Device Drivers
Compiler :- Compiler executable file बनाने के लिए Source Code को Machine code में translate करता है| ये code executable file के object code कहलाते है| Programmer इस executable object file को किसी दूसरे computer पर copy करने के पश्चात् execute कर सकते हैं| दूसरे शब्दों में Program एक बार Compile हो जाने के बाद स्वतंत्र रूप से executable file बन जाता है जिसको execute होने के लिए compiler की आवश्यकता नहीं होती है| प्रत्येक Programming language को Compiler की आवश्यकता होती हैं|

            Compiler, Source code को Machine code में बदलने का कार्य करता है इसकी कार्य करने की गति (Speed) अधिक होती है और यह Memory में अधिक स्थान घेरता है क्योकि यह एक बार में पूरे प्रोग्राम को Read करता है और यदि कोई Error होती है तो error massage Show करता है|

Interpreter :- Interpreter एक प्रोग्राम होता हैं जो High level language में लिखे Program को Machine Language में बदलने का कार्य करता है Interpreter एक–एक Instruction को बारी-बारी से machine language को Translate करता है |यह High level language के Program के सभी instruction को एक साथ machine language में translate नहीं करता है|

            Interpreter Memory में कम स्थान घेरता है क्योकि यह प्रोग्राम की हर लाइन को बारी-बारी से Check करता है और यदि किसी Line में कोई error होती है तो यह तात्काल Error Massage Show करता है और जब तक उस गलती को सुधार नहीं दिया जाता तब तक यह आगे बढने नहीं देता |

 Assembler :- Assembler एक प्रोग्राम है जो Assembly language को machine language में translate करता है| इसके अलावा यह high level language को Machine language में translate करता है यह निमोनिक कोड (mnemonic code) जैसे- ADD, NOV, SUB आदि को Binary code में बदलता है|

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) –

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software), कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का एक उपवर्ग है जो User द्वारा इच्छित काम को करने के लिए प्रयोग किया जाता हैं|

“Application Software वे Software होते है जो User तथा Computer को जोड़ने का कार्य करते है|”

Application Software Computer के लिए बहुत उपयोगी होते है यदि कंप्यूटर में कोई भी Application Software नहीं है तो हम कंप्यूटर पर कोई भी कार्य नहीं कर सकते है Application Software के बिना कंप्यूटर मात्र एक डिब्बा हैं| Application Software के अंतर्गत कई Program आते है जो निम्नलिखित हैं|

MS word
MS Excel
MS PowerPoint
MS Access
MS Outlook
MS Paint etc.
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software) :-

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software) को सर्विस प्रोग्राम (Service Program) के नाम से भी जाना जाता हैं| यह एक प्रकार का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है इसे विशेष रूप से कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware), ओपरेटिंग सिस्टम (Operating System) या एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) को व्यवस्थित करने में सहायता हेतु डिजाईन किया गया है|

“Utility Software वे Software होते है जो कंप्यूटर को Repair कर Computer कि कार्यक्षमता को बढ़ाते है तथा उसे और कार्यशील बनाने में मदद करते हैं|”

 विभिन्न प्रकार के यूटिलिटी सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जैसे-

Disk Defragmenter
System Profilers
Virus Scanner
Anti virus
Disk Checker
Disk Cleaner etc.
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ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार की बात करें तो users के according इसे दो तरह की श्रेणियों में रखा जाता है पहला है


 
1. single user (एकल उपयोगकर्ता) : ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम जिसमे एक समय में केवल एक user काम करता है उसे  single user (एकल उपयोगकर्ता) ऑपरेटिंग सिस्टम कहते है |

2.Multiple user (बहुल उपयोगकर्ता): वह ऑपरेटिंग सिस्टम जिसमे एक समय में एक अधिक उपयोगकर्ता काम कर सकते है या करते है उसे  Multiple user (बहुल उपयोगकर्ता) OS ( operating system ) कहते है |

काम करने के mode के आधार की बात करें तो यंहा भी OS ( operating system ) की दो श्रेणियां है |

1. character user interface (कैरेक्टर यूजर इंटरफ़ेस ): जब सिस्टम को use करते समय user characters का इस्तेमाल कर या commands का इस्तेमाल कर computer को सूचना देता है तो उसे character user interface (कैरेक्टर यूजर इंटरफ़ेस ) कहते है और इस mode को console mode भी कहते है | उदाहरण के लिए : DOS
 
2. graphical user interface (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस)  : जब user computer को चित्रों के माध्यम से सूचना देता है और सूचना का आदान प्रदान करता है तो इसे  graphical user interface (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस)  कहा जाता है  graphical user interface (ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस)  के बारे में अधिक जानकारी के लिए यंहा क्लिक करें |   उदाहरण के लिए : windows 7 ,linux
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MS DOS IN HINDI – DOS ( disk ऑपरेटिंग सिस्टम ) हमारे आज के operating system का ही पहले वाला रूप है असल में आज हम जो windows 7 ,8 या मैक ओ एस का इस्तेमाल करते है शुरू से ही ऐसा नहीं था | पहले के computer  ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह कमांड आधारित  ऑपरेटिंग सिस्टम हुआ करते थे जिनको हम command देकर अपने काम किया करते थे | ऑपरेटिंग सिस्टम और उनके प्रकार के बारे में अधिक जानने के लिए यंहा क्लिक करें |

पहले computer केवल वैज्ञानिको और रक्षा विभाग के कामो के लिए use किये जाते थे लेकिन बाद में इन्हें आम लोगो के लिए प्रचालन में लाया गया इसलिए एक ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम की जरुरत पड़ी जो आम यूजर के लिए भी चलाने में आसान हो | यह console mode आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम था जिसमे माउस का उपयोग नहीं होता था और न ही इसमें हम ग्राफ़िक्स के साथ कुछ काम कर सकते थे | इसमें बस files के लिए directry बनाई जा सकती थी जिसका भी उपयोग केवल text के लिए हो सकता था |

DOS ( disk ऑपरेटिंग सिस्टम ) के सारे काम command पर आधारित होते थे और computer से कोई काम करवाने के लिए लम्बे लम्बे कमांड देने होते थे इसलिए किसी व्यक्ति को जितने ज्यादा कमांड याद होते थे उसे उतना ही अधिक जानकार माना जाता था |

बाद इसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा खरीद लिया गया इसी वजह से इसे MS DOS के नाम से भी जाना गया और इसमें विकास करके माइक्रोसॉफ्ट ने इसका windows version पेश किया जो पूरी तरह ग्राफ़िक्स पर आधारित था जिसमे माउस का उपयोग हो सकता था और इसी वजह से computer को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान हो गया है | आज हम windows xp या किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते है उन सब का आधार DOS ( disk ऑपरेटिंग सिस्टम ) ही है |

आप अगर इसकी एक झलक देखना चाहे तो computer में run में जाकर cmd टाइप करके देख सकते है | 
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माइक्रोसॉफ़्ट विंडोज़, माइक्रोसॉफ़्ट द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर प्रचालन तन्त्र (सॉफ्टवेयर ऑपरेटिंग सिस्टम) और ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस की एक श्रृंखला है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़ ने ग्राफिकल यूजर इंटरफेस में बढ़ती रुचि (GUIs) को देखते हुए नवंबर 1985 में एमएस-DOS में जोड़ने के लिए एक ऑपरेटिंग पर्यावरण पेश किया था। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, आते ही दुनिया के निजी कंप्यूटर बाजार पर हावी हो गया और इसने इससे पहले बाजार मे आये मैक-ओएस को बहुत पीछे छोड़ दिया। 2004 के IDC दिशा सम्मेलन में, यह बात सामने आयी कि ग्राहक ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार का लगभग 90% विंडोज़ के पास था। विंडोज़ का सबसे हाल के ग्राहक संस्करण विंडोज़ 7 है और सबसे हाल का सर्वर संस्करण विंडोज़ सर्वर 2008 R2 है।बिल गेट्स ने विंडोज़ के विकास मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब वह माइक्रोसॉफ्ट के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

विंडोज़ का शाब्दिक अर्थ होता है खिड़कियाँ। विंडोज़ एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज़ का उपयोग लगभग सभी व्यक्तिगत कम्प्यूटरों में होता है। इसका विकास माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने किया है।

हिन्दी समर्थन
विंडोज़ में संस्करण २००० के बाद से सभी संस्करणों (२०००, ऍक्सपी, २००३, विस्टा, ७) में हिन्दी (इण्डिक यूनिकोड) का समर्थन उपलब्ध है। विंडोज़ २०००, ऍक्सपी तथा २००३ में कण्ट्रोल पैनल में Regional and Language Options में जाकर इसे सक्षम करना पड़ता है, इस प्रक्रिया हेतु विंडोज़ की सीडी (अथवा सैटअप फाइलों) की आवश्यकता होती है। विंडोज़ विस्टा तथा विंडोज़ ७ में इण्डिक समर्थन स्वतः सक्षम होता है।

टाइपिंग हेतु विंडोज़ में विभिन्न भारतीय भाषाओं के इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड अन्तर्निर्मित होते हैं जिन्हें कण्ट्रोल पैनल से जोड़ा जा सकता है। हिन्दी हेतु इसमें Hindi Traditonal तथा संस्कृत हेतु Devanagari-INSCRIPT नामक कीबोर्ड होता है।

विंडोज़ में हिन्दी इण्टरफेस हेतु हिन्दी लैंग्वेज इण्टरफेस पैक (LIP) उपलब्ध हैं जिन्हें इंस्टाल करने से विंडोज़ का इण्टरफेस हिन्दी में देखा जा सकता है।
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लिनक्स
यह भी विंडोज की तरह की ही कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे 1991 में लिनुस टोरवाल्ड नाम के कंप्यूटर विज्ञानं के छात्र ने रिलीज़ किया और यह दुनिया भर में फ्री उपलब्ध है जबकि हम में से अधिकतर लोग फ्री होने के बाद भी विंडोज जो कि पेड ऑपरेटिंग सिस्टम है का प्रयोग करते है वो इसलिए क्योकि हम से अधिकतर इसके आदी है जिसने भी स्कूल या सामान्य किसी ऑफिस के कंप्यूटर पर काम करते हुए कंप्यूटर सीखा होगा तो अधिकतर कम्प्यूटरों में माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज ओपेरटिंग सिस्टम ही इनस्टॉल होता है इसलिए हमे ‘लिनक्स’ की जानकारी नहीं होती । आज के स्मार्टफोन्स में यूज किये जाने वाले गूगल का एंड्राइड जो है वो लिनक्स का एक रूप है |

डिस्ट्रीब्यूशन : लिनक्स चूँकि एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है तो दुनिया भर के डेवलपर इसे नए नए संस्करण जिनको तकनीकी भाषा में ‘डिस्ट्रो’ कहा जाता है का विकास करते रहे है और नए नए सुधर समय समय पर करके इसके संस्करण इंटरनेट पर फ्री में उपलब्ध करवाये जाते है  सबसे चर्चित डिस्ट्रो में है :- उबन्टु ,फेडोरा ,मिंट और डेबियन ।
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यूनिक्स

यूनिक्स (अधिकृत ट्रेडमार्क UNIX, कभी-कभी छोटे कैपिटल अक्षरों के साथ Unix भी लिखा जाता है), एक कम्प्यूटर परिचालन तंत्र है। यह मूल रूप से 1969 में बेल प्रयोगशाला में विकसित किया गया था। इसके विकास में एटी एंड टी के कर्मचारी केंन थोम्प्स्न, डेनिस रिची, ब्रियन केर्निघ्ग्न, दोग्ल्स मेक्लेरी और जो ओसाना आदि शामिल थे।

1970 के अंत और 1980 के प्रारंभ के दौरान शैक्षिक समुदाय पर यूनिक्स के प्रभाव के परिणामस्वरूप यूनिक्स को व्यापारिक उद्घाटन द्वारा बड़े पैमाने पर स्वीकार किया गया। विशेषकर इसका केलिफोनिया विश्वविद्यालय, बर्कले से उत्पन्न BSD संस्करण बहुत लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा मेक OS X, सोलारिस, HP-UX और AIX आदि भी प्रसिद्ध हुए। आज प्रमाणिक यूनिक्स प्रणालियों क्व अलावा यूनिक्स-जैसे परिचालन तंत्र जैसे कि लिनक्स और BSD आमतौर पर देखे जाते हैं।
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The family of Macintosh operating systems developed by Apple Inc. includes the graphical user interface-based operating systems it has designed for use with its Macintosh series of personal computers since 1984, as well as the related system software it once created for compatible third-party systems.
मॅक ऑपरेटिंग सिस्टम (उच्चारित: /mæk oʊ ɛs tɛn/) एक प्रकार का कम्प्यूटर संचालन प्रणाली होता है। इसका विकास और बिक्री ऍपल इंक. द्वारा की जाती है। सन २००२ से यह सभी मॅकिण्टोश कंप्यूटर तन्त्रों में स्थापित कर बेचा जा रहा है।
मॅक ऑपरेटिंग सिस्टम
Mac OS X
50px
विकासक ऍप्पल इंक.
प्रचालन तंत्र परिवार यूनिक्स (Mac OS X 10.5 and later)
Unix-like (all previous versions)
कार्यकारी स्थिति वर्तमान
स्रोत प्रतिरूप सुरक्षित स्रोत सहित मुक्त स्रोत घटक
प्लेटफॉर्म IA-32, x86-64, PowerPC (32-bit & 64-bit up to version 10.5), ARMv6 and ARMv7-A (for iPhone OS)
प्राथमिक यूज़र इंटरफ़ेस एक्वुआ
लाइसेंस मालिकाना सॉफ्टवेअर यूला

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